मोदी सरकार की नीति और नियति के खिलाफ जनजागरण है भारत जोड़ो यात्रा : काँग्रेस

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

भोपाल : आजादी की 75वीं सालगिरह पर काँग्रेस ने उदयपुर में श्नवसंकल्प शिविर आयोजित किया। राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए नव संकल्प शिविर में कॉंग्रेस पार्टी ने यह तय किया कि बीते 8 सालों की राजनीति ने देश को जिन हालातों में पहुंचा दिया उसे लेकर जनजागरण अभियान शुरू किया जाए। निष्कर्ष के रूप में श्री राहुल गांधी की अगुवाई में कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत हुई।

1. भारत जोड़ो यात्रा मोदी सरकार की नीति और नियति के खिलाफ जनजागरण है। केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में महंगाई बढ़ी है, बेरोजगारी बढ़ी है, काम-धंधे बंद हुए हैं। इन नीतियों के कारण देश में आर्थिक असमानता बनी है।
2. भारत जोड़ो यात्रा केन्द्र सरकार की धु्रवीकरण की राजनीति के खिलाफ सद्भावना का शंखनाद है।
3. भारत जोड़ो यात्रा लोकतंत्र को मजबूत करने एवं संविधान को बचाने की यात्रा है।
4. यह अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने एवं संसद में विपक्ष को जनता की आवाज को उठाने से रोकने के खिलाफ उठाया गया कदम है।
5. यह संवैधानिक संस्थाओं को सुचारू रूप से अपना काम करने के लिए प्रेरित करने का अभियान है।
6. भारत जोड़ो यात्रा श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की जनता से अच्छे दिन, कालाधन वापस लाने, किसानों की आय दोगुनी करने, हर साल 2 करोड़ नौजवानों को रोजगार देने जैसे झूठे वादों के खिलाफ जनता की अदालत में देशहित में उठाया गया कदम है।
भारत जोड़ो यात्रा पड़ाव दर पड़ाव कामयाबी के नये सोपान तय कर रही है। भारत जोड़ो यात्रा 23 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक (12 दिन) मध्यप्रदेश में रही । मध्यप्रदेश की जनता ने श्री राहुल गांधी का बेमिसाल स्वागत किया और इस भारत जोड़ो यात्रा को अविस्मरणीय बनाया। श्री राहुल गांधी को इस यात्रा के दौरान अपार स्नेह और समर्थन मिला। मध्यप्रदेश में माननीय कमलनाथजी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता इस यात्रा को सफल और एतिहासिक बनाने के लिए प्राण-पण से जुटा रहा। इस यात्रा में मजदूर, बुनकर, कारीगर, उद्यमी, आंदोलनकारी, पूर्व सैनिक, बुद्धिजीवी, कलाकार, पर्यावरणवादी और एनजीओ सेक्टर में काम करने वाले लोग भी शामिल रहे। इस यात्रा में समाज का हर वो वर्ग शामिल था जो देश की नकारात्मक राजनीति से दुखी है।

श्री राहुल गांधी ने आदिवासी समाज के लोकदेवता और स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा टांट्या भील की जन्म स्थली बड़दाअहीर पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मध्यप्रदेश में राहुल गांधी ने जनआस्था के केन्द्रों पर शीश झुकाया। भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के अनुरूप श्री राहुल गांधी ने नर्मदा मैया की आरती की एवं ओंकारेश्वर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। राहुल गांधी ने बाबा साहब अंबेडकर की जन्म स्थली महू पहुंचकर उन्हें आदरांजलि अर्पित कर संविधान की रक्षा करने का संकल्प लिया। तदोपरांत राहुल गांधी ने उज्जैन में महाकाल का अभिषेक कर उन्हें साष्टांग प्रणाम किया। साथ ही उन्होंने दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र श्री महावीर तपोभूमि पहुंचकर जैनमुनि आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज से आशीर्वाद लिया।

श्री राहुल गांधी ने विभिन्न संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, खान-पान एवं पहनावों की विविधता एवं विशेषताओं को बड़ी गहराई से समझा। श्री राहुल गांधी बड़ी सहजता से बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं, आदिवासियों, दलित एवं कमजोर वर्ग के लोगों से मिले और उनसे संवाद किया। इस भारत जोड़ों यात्रा ने श्री राहुल गांधी की ऊर्जावान छवि को देश के सामने प्रतिस्थापित किया है। भारत जोड़ो यात्रा ने श्री राहुल गांधी के व्यक्तित्व को निखारा है। भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में नये उत्साह का संचार हुआ है।

भारत जोड़ो यात्रा का यह नारा ष्मिले कदम, जुड़े वतन सामयिक भी है और कारगर भी है। आज देश के कोने-कोने से आवाज आ रही है नफरत छोड़ो भारत जोड़ो।ष् श्री राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राजनीति के पटल पर एक नया राष्ट्रीय एजेण्डा तय करने में मील का पत्थर साबित होगी।

कमलनाथ सरकार की उपलब्धियां

श्री कमलनाथजी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने सवा साल के कार्यकाल में सुशासन और विकास का एक नया अध्याय लिखा । यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि यदि कमलनाथ सरकार अपना कार्यकाल पूरा करती तो यह मध्यप्रदेश की विकास यात्रा का सर्वाधिक स्वर्णिम अध्याय होता । श्री कमलनाथजी ने केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में मध्यप्रदेश के विकास के लिए कई जनहितैषी काम किये हैं जिनका संक्षिप्त ब्यौरा इस प्रकार है:-

ऽ श्री कमलनाथजी की कोशिशों से भोपाल में फारेस्ट मेनेजमेंट संस्थान खुला। भोपाल के वीआईपी रोड एवं बड़े तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए केन्द्र शासन द्वारा 300 करोड़ रूपये दिये। भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना आई
ऽ जय किसान कर्जमाफी योजना के तहत प्रदेश के लगभग 26 लाख किसानों की कर्जमाफी की।
ऽ किसानों के 5 हार्स पॉवर तक के बिजली बिल माफ किये और 10 हार्स पॉवर के बिजली बिल हाफ किये।
ऽ यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत मध्यप्रदेश को, 3451.59 करोड़ रूपये की राशि दी।
ऽ यूआईजी स्कीम के तहत 885 करोड़ रूपये की राशि दी।
ऽ प्रदेश के नगरीय निकायों के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत 309.97 करोड़ रूपये की राशि।
ऽ महाकाल एवं ओंकारेश्वर के प्रति सेवाभाव रखते हुए मंदिर परिसर के विकास एवं विस्तार के लिए 450 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत किया।
ऽ प्रदेश में राम वनगमन पथ के लिए बजट जारी किया।
ऽ प्रदेश की जनता को 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली दी।
ऽ तेंदूपत्ता संग्राहकों की मजदूरी दरों में बढ़ोतरी कर इसे 2500 रूपये प्रतिमाह की।
ऽ महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए एवं उनको स्वरोजगार हेतु रियायती दरों पर बैंक से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की।
ऽ वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांग पेंशन राशि दोगुनी की।
ऽ आदिवासियों के वित्त विकास निगम द्वारा दिये गये 1100 करोड़ के कर्जे माफ किये।
ऽ प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में आधुनिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए 1000 करोड़ रूपयों का प्रावधान किया।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की योजनाएं

केन्द्र की यूपीए सरकार ने देश के आम आदमी की भलाई की कई योजनाएं बनाईं। सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के मकसद से ष्सूचना का अधिकार ष् बनाया बच्चें के लिए ष्शिक्षा की गारंटी कानून और मध्याहन भोजन योजना बनाई । ष्महात्मा गांधी नरेगा कानून बनाकर गांव के लोगों को गांव में ही 100 दिन का रोजगार मुहैया कराया और ष्नेशनल रूरल हेल्थ मिशनष् बनाकर गांव-गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई। हर गांव को बिजली पहुंचाने के लिए ष्राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना बनाई। गरीबों को सस्ता राशन मिले, कोई भूखा पेट न सोए इसलिए यूपीए सरकार ने ष्खाद्य सुरक्षा कानून बनाया। देश के किसानों की लगभग 72 हजार करोड़ रूपयों की कर्जमाफी की एवं किसानों की उपज की एमएसपी की कीमत में बढ़ोत्तरी की। यूपीए सरकार की योजनाओं के चलते देश के 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया लेकिन दुर्भाग्य है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, नोटबंदी व जीएसटी से देश के 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए।

भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र की एनडीए सरकार की नाकामियां

1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा झूठा निकला।
2. प्रत्येक खाते में 15 लाख रूपये देने का वादा जुमला निकला ।
3. किसानों की आय दोगुनी करने का वादा झूठा निकला। (उल्टे किसानों को फसलों का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है।)
4. वर्ष 2022 तक सबको आवास देने की घोषणा झूठी निकली।
5. 100 स्मार्ट सिटी कहां बने हैं, किसी कोपता नहीं
6. बुलेट ट्रेन कब चलेगी, पता नहीं।
7. नोटबंदी से कालाधन तो नहीं आया लेकिन अर्थव्यवस्था की कमर जरूर टूट गई।
8. गलत जीएसटी ने छोटे व्यापारियों को बर्बाद कर दिया है।
9. पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं।
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की विफलताएं

मध्यप्रदेश में कहने को तो डबल इंजन की सरकार है लेकिन इसके दोनों इंजन बुरी तरह से फेल हो चुके हैं:-
1. यहां बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की दवाई, नौजवानों की कमाई और बेतहाशा महंगाई से जनता हलाकान है।
2. प्रदेश में सर्वाधिक 2 करोड़ 34 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं।
3. भारत सरकार के बनाए नीति आयोग के अनुसार मध्यप्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और उद्योग आदि मामलों में देश के अन्य राज्यों से काफी पिछड़ा है।
4. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, महिलाओं और बालिकाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। साथ ही प्रदेश में बालिकाओं के अपहरण और मानव तस्करी के मामले में भी बढ़ें हैं।
5. मध्यप्रदेश शिशु मृत्युदर एवं मातृ मृत्यु दर में देश में नम्बर एक पर है।
6. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अमेरिका में जाकर कहते हैं कि प्रदेश की सड़के वाशिंगटन से बेहतर हैं मगर इन्हीं सड़कों की खराब हालत के कारण केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी जनता से माफी मांगते हैं। भारत जोड़ो यात्रा में प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों की हालत हम सबने देखी है।
7. मध्यप्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य के हाल बेहाल हैं। शिक्षा के क्षेत्र में देश के 36 राज्यों में मध्यप्रदेश 35 वें स्थान पर है और स्वास्थ्य के मामलों में मध्यप्रदेश, देश के 19 बड़े राज्यों में 17वें पायदान पर है।
8. श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी है।
9. व्यापम, सिंहस्थ, ई-टेंडरिंग, डंपर, मध्यान भोजन, खनन, पेंशन और कारम डैम जैसे घोटालों ने प्रदेश को शर्मसार किया है।
10. मध्यप्रदेश सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार का खजाना खाली है। मध्यप्रदेश पर लगभग 3 लाख 83 हजार करोड़ से भी अधिक का कर्ज है। 11. शिवराज सरकार के राज में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। सहकारी सोसायटी में खाद नहीं है, वहीं खाद दोगुनी कीमतों में ब्लेक मार्केट में बिक रहा है।
12. प्रदेश में आदिवासियों को पट्टे नहीं मिल रहे हैं, उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं और उनके हिस्से का पैसा दूसरे कामों में खर्च किया जा रहा है।
13. पंचायत राज व्यवस्थाओं में सरकार की मनमर्जी चल रही है। जिला पंचायत और जनपद में पिछले 6 माह में राज्य सरकार की ओर से कोई फंड नहीं पहुंचा है। पंचायतों में विकास के कार्य रूके हुए हैं। चुने हुए प्रतिनिधियों की अनदेखी हो रही है। सरपंचों का मानदेय जो 1750 रूपये है वह अभी तक नहीं मिला है और मुख्यमंत्री जम्बूरी मैदान में इस मानदेय को बढ़ाकर 4250 रूपये करने की घोषणा कर रहे हैं।
14. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकार हर तरफ से सूचना के अधिकार कानून का गला घोंटने का प्रयास कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार सूचना के अधिकार के तहत जनता को सूचना देने के बजाए तथ्य छुपाने का काम कर रही है।
15. केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। केन्द्रीय योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में मिलने वाली राशि में भारी कटौती की गई है। गेंहू खरीदी का मध्यप्रदेश का 1000 करोड़ रूपया रोक लिया है, जिस पर प्रदेश को 3 करोड़ रूपये का प्रतिदिन ब्याज चुकाना पड़ रहा है। जबकि 75 करोड़ रूपयों के बारदाने गोदामों में खाली पड़े हैं।

India Edge News Desk

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